यह कहानी रमेश और
उसकी तीन बहनों
की है - सुषमा,
कविता और प्रीति।
रमेश अपनी बहनों
से बहुत प्यार
करता है और
हमेशा उनकी खुशियों
के लिए तत्पर
रहता है। लेकिन
रमेश की तीनों
बहनों की शादी
नहीं हो पाई
है और यह
उसके लिए एक
बड़ी चिंता है।
इस कहानी में
कई मोड़, सस्पेंस
और मजेदार घटनाएँ
हैं जो आपको
पूरी तरह बांधे
रखेंगे।
परिवार
का परिचय
(रमेश अपने घर
पर अपनी बहनों
से बात कर
रहा है।)
रमेश: (मुस्कुराते हुए) बहनों,
मुझे तुम्हारे लिए
कुछ खास करना
है। तुम्हारी शादी
के बारे में
सोचना होगा।और सबसे बड़ा चिंता तो मुझे सुषमा की होती है वो सबसे बड़ी
है अभी तक उनकी शादी नहीं हुयी
है
सुषमा : (हँसते हुए) भैया,
हमें शादी की
इतनी जल्दी नहीं
है। हम खुश
हैं।
कविता : (मजाक करते
हुए) हाँ भैया,
अभी इतनी क्या
जल्दी है ।
प्रीति :लेकिन अगर दीदी
के लिए कोई अच्छा
लड़का मिल जाए,
तो हम सोच
सकते हैं।
रमेश सब बाते
करके अपनी बाइक
से मार्किट को
चला जाता है
रस्ते में उसकी
बाइक एक कार
से टकरा जाती
है उस कार
से एक लड़का
निकल कर आता
है और रमेश
को उठता है
और सॉरी कहता
है रमेश नाराज
हो होता है
पर जब वो
लड़का सॉरी बॉल
रहा होता है
तो उसे रमेश
माफ़ कर देता
है फर रमेश
गए बढ़ जाता
है और अपने
काम के लिए
निकल जाता है
काम करकरे रमेश
घर आता है
रिश्तों
की तलाश
घर आकर वो
(रमेश ने एक
मैचमेकर पंडित जी को
बुलवाया।)
रमेश: पंडित जी मुझे
अपनी बहनों के
लिए अच्छे रिश्ते
ढूंढने में मदद
चाहिए।
पंडित जी: (मुस्कुराते
हुए) चिंता मत
करो, रमेश। मैं
जल्द ही अच्छे
लड़कों को ढूंढ
लाऊँगा।
पहला
रिश्ता
पहला रिश्ता जब अत
है तो सुषमा सबके लिए चाय लाती है और सबको चाय देती है पर विक्रम बोलता इतनी गर्मी कौन चाय पिता है तुम्हे इतनी अक्ल भी नहीं तुम क्या घर संभालोगी
ये सब देखकर रमेश को और उसकी सभी बहनो को बहुत बुरा लगता है की विक्रम
अभी से इतना रोभ झाड़ रहा है आगे केसा करेगा तो रमेश रिश्ते क लिए मना क्र देता
है
(दूसरे लड़के को बुलाया
जाता है।)
दूसरा रिश्ता जब अत
है तो फर
सब होता है
सुषमा सबके लिए
चाय लती है
सब आपस में
बात करते है
रमेश और बाकि
सबको भी अमन
बहुत पसंद आ
जाता है क्युकी
अमन सरकारी नौकरी
में एक उचे पद
पर जो था
और अमन अपनी जबानी
बोल भी रहा
था की उसके
घर में किसी
चीज की कोई
कमी नहीं है
पर कुछ दिनों बाद जब रमेश अमन का बगराउण्ड पता लगवाता है तो पता चलता है की वो अमन किसी सरकारी जॉब पर नहीं है वो तो ऐसा ही कहकर उसने बहुत जगह सबको बेवकूफ बनाया है तो ये रिश्ता बी होने से पहले टूट जाता है
(राजेश 3 लड़के
को लेकर आता
है।)
अब रिश्ते क लिए
मोहन का रिश्ता
आता है मोहन
की फॅमिली घर
में अति है
पर रोहन गाड़ी
पार्किंग में लगाने
की वजह से
थोड़ा लेट पहुँचता है जैसे
ही मोहन अंदर
पहुँचता है तो
रमेश चोकर उठ
जाता है बोलता
है तुम रऔर
मोहन भी चौक
जाता है बोलता
है की आप
…..तो सभी हैरान
होते है तो
रमेश सबको बताता
है ये वही
लड़का है जिससे
मेरी बाइक का
ऑक्सीडेंट हुआ था रमेश
की तीनो बहने
हैरान हो जाती
है रमेश बोलता
है लड़का मुझे
पसंद नहीं ये
गाड़ी सही से
नहीं चलाता तो
मेरी बहन को
क्या खाक संभालेगा
सुषमा उदास हो
जाती है रमेश
को लगता है
की ये रिश्ता
भी टूट गया
इसलिए उदास है
शाम के समय सुषमा किसिस
से फोन पर बात क्र रही होती है और रो रही होती है रमेश सुन लेता है और रमेश थोड़ी डरे
बात सुनता है तो उसे पता चलता है की वो मोहन से बात कर रही है क्युकी सुषमा बोलती है की मोहन अब हम
क्या करे भैया लव मेर्रिज क खिलाफ थे तभी तुम मेरे घर अपनी फॅमिली को लेकर आए पर फिर भी गलत फेमि की वजह से भैया ने रिश्ते से
मना क्र दिया
सुषमा मोहन को भी
बोलती है चलो
मोहन जब भैया
को हमारा रिश्ता
पसंद नहीं तो
अब हम दोनों
नहीं मिलेंगे और
में भी अपने
आगे की पड़े
पर ध्यान देती
हु तुम भी
अपना ध्यान रखना
मोहन साख क्र
फोन काट देती
है
सुषमा की बातें
सुनकर रमेश सुषमा
को अपने पास
बुलाता है और
बोलता हैमोहन के
बारे में पूछता
हैतो सुषमा से
मोहन के बारे
में सब सच
बता देती है
कि मोहन मेरे
साथ कॉलेज में
पढ़ता था और
हम एक दूसरे
से बहुत प्यार
करते हैं लेकिन
आप लव मैरिज
के खिलाफ थे
इस वजह सेहमने
आपको कभी नहीं
बताया
और मैं नहीं
चाहती थी कि
आपका दिल दुखे
इसीलिए मोहन अपने
परिवार वालों के साथ
रिश्ता लेकर मेरे
घर आया पर
किसी गलतफहमी की
वजह सेआपने उसे
रिश्ते को मना
कर दिया कोई
बात नहीं भैया
अगर आपको यह
रिश्ता पसंद नहीं
है तो मैं
आपको फोर्स नहीं
करूंगी
उतने में ही
मोहन भी वहां
पहुंच जाता है
और भैया से
बोलता है कि
भैया उसे दिन
जो एक्सीडेंट हुआ
था उसमें मेरी
ही गलती थी
क्योंकि मेरी नाइट
ड्यूटी थी जिसकी
वजह से मुझे
झपकी लग गई
थी और उसकी
वजह से वह
गाड़ी आपकी बाइक
से टकरा गई
भैया मैं इसके
लिए आपको तहे
दिल से सॉरी
बोलता हूं
सुषमा और मोहन
की बातें सुनकर
रमेश का दिल
पिघल जाता है
और वह उन
दोनों की शादी
के लिए तैयार
हो जाता है
अब घर में
खुशियों का माहौल
गूंज उठना है
आप सभी लोग
मोहन और सुषमा
की शादी की
तैयारी मेंलग जाते हैं
शादी बड़े धूमधाम
से होती है
और सुषमा अपने
ससुराल खुशी--------खुशी विदा
हो जाती है
और रमेश भी
बहुत खुश होता
है कि उसकी
बहन सुषमा की
शादी एक ऐसे
इंसान से हो
गई हैजैसा इंसान
उसे चाहिए था
(सुषमा और मोहन
की शादी तय
हो जाती है।)
कविता प्रीति खुश होकर
कहती है अब
तो शादी में
मजा आएगा
इस तरह रमेश
को अपनी बड़ी
बहन के लिए
एक अच्छा रिश्ता
मिल जाता है
रमेश: (मुस्कुराते हुए) और
मुझे भी गर्व
है कि मेरी
बड़ी बहन सुषमा
को एक अच्छा
रिश्ता मिल गया
।
Conclusion:
यह कहानी हमें यह
सिखाती है कि
सच्चे रिश्ते और
दोस्ती किसी भी
परिस्थिति में मजबूत
रहते हैं। सादगी,
सच्चाई और प्यार
से भरा दिल
हमेशा जीतता है।
हमें अपने रिश्तों
की कदर करनी
चाहिए और उनकी
स्थिति को समझने
की कोशिश करनी
चाहिए।
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