यह कहानी है दो भाई जिनमें से एक भाई की पत्नी बहुत ज्यादा छोटे कद की होती है तो वही दूसरे की पत्नी लंबे कद वाली होती है सुबह घर का काम कर कर पूजा बहुत थक गई होती है तभी उसकी सासू मां उसे आवाज लगाती है अरे पूजा जरा मेरे को चाय बना कर तो दे क्योंकि पूजा कद में बहुत छोटी थी इसलिए वह कहती है मां जी मैं आपको चाय तो दे देती लेकिन चाय पत्ती खत्म हो गई है और वह चाय पत्ती तुमने ऊपर रैक में रखी है अब मैं तो इतनी ऊपर चढ़ नहीं पाऊंगी ऐसा करो घर पर भी कोई नहीं है तुम चाय पत्ती निकाल कर दे दो मैं चाय बना देती हूं अब उसकी सास उसको देखती है बोलती है हाय रे मेरे को बहू भी मिली तो इतनी छोटी कद की आधा काम तो इसका मुझे ही करना पड़ता है
अब मैं तो दूसरे वाले बेटे की शादी करूंगी तो लंबे कद वाली बहू लाऊंगी ताकि सारा काम मुझे ना करना पड़े और वह आराम से सब चीज निकाल कर मुझे खाना बना कर खिलाए इस छोटी कदवाली बहू से तो मैं परेशान हो गई हूं ऐसा बोलकर वह चाय की का डब्बा उठाकर अपनी छोटे कद वाली बहू को दे देती है अब वह बेडरूम के कमरे में बैठकर चाय पी रही होती है कि इतने में ही उसका बड़ा बेटा घर आ जाता है तो वह उससे बोलती है आ गया तू अरे तेरी तेरी बीवी तो इतनी छोटी है कि आधे काम तो मुझे ही करने पड़ते हैं इस बार तो मैं लंबे कद वाली बहू लेकर आऊंगी ताकि मैं आराम से बैठु और सारा काम यह दोनों संभाले ऐसा बोलकर वह उससे बोलती है की जा पंडित जी को फोन लगा जरा छोटे वाले रवि के लिए एक रिश्ते की बात तो कर तभी वह कहता है ठीक है माँ में पंडित जी को कल घर भेज दूंगा
अब अगले दिन पंडित जी घर आ जाते हैं तो सासु मां उनसे बोलती है अरे पंडित जी कोई ऐसी बहू ढूंढना जिसके कद लंबे हो यह तो मेरी पहली बहू तो छोटे कद वाली है मैं तो परेशान हो गई हूं घर का आधा काम तो मुझे ही करना पड़ता है कभी पंडित जी उनको एक रिश्ता दिखाते हैं तो उसकी फोटो देखकर वह बहुत खुश हो जाती है बोलता वह इसके तो कद बहुत लंबे हैं पंडित जी जल्दी से रिश्ते की बात करो और यह शादी जल्दी से चट मंगनी पट ब्याह कर दो मुझे रिश्ता पसंद है अब रिश्ते की बातें हो जाती है तो छोटे वाले रवि की शादी लंबे कद वाली बहू से कर दी जाती है अब लंबे कद वाली बहू पहले दिन घर आती है तो सभी लोग उसके स्वागत में लग जाते हैं अब उसकी सास सोचती है कि अब तो यह लंबे कद वाली है सारा काम यह दोनों मिलकर करेंगे और मैं तो राज करूंगी
वह सोचने लगती
है की अरे वाह अब तो मेरी लंबे कद वाली बहू आ गयी तो अब मेरे कपडे अच्छे से सूखेंगे
ये छोटी कद वाली बहु तो तार में कपडे भी सही से नहीं डाल पाती है ऐसा सोचकर वह अपने
लंबे कद वाली बहू से कहती है बहु ठण्ड के मौसम में मेरे कपडे सही से नहीं सूखते है
तो तुम एक काम करो मेरे कपड़ो को छत पर डाल आओ ताकि ये अच्छे से सूख जाय. अब लंबे कद
वाली बहू थोड़ा सा नखरे वाली होती है तो वह बोलती है अरे मां जी सारा काम मुझे अकेले
ही करना पड़ेगा मैं तो अभी नई-नई हूं मुझे तो आईडिया भी नहीं है कपडे कहां पर सुखाने
है मुझे बताएगा कौन तभी वह छोटे कदवाली बहु बोलती है अरे मैं आपकी मदद करूंगी दोनों
मिलकर छत पर कपडे डाल देंगे. तो उनकी सास बोलती नहीं तू रहने दे. तुम शांत होकर बैठी
रहो आधा काम तो तुम्हारा मुझे ही करना पड़ता है अब लंबे कद वाली बहू मन मार कर छत पर
कपडे डाल आती है.
अब एक दिन वह अपनी बहू के लिए बाजार में कुछ कपड़े खरीद रही होती है कि छोटे कद वाली बहू के लिए कुछ कपड़े नहीं मिलते हैं तो वह दोनों सास बहू उसका मजाक बनाने लगते हैं और उनकी ताने भरी बातें सुनकर पूजा की आंखों से आंसू आ जाते हैं और वह रोने लगती है यह सुनकर छोटे कदवाली का पति वहां आ जाता है और अपनी मां से बोलता है मां में नोटिस कर रहा हूं कि तुम पूजा को हमेशा जलील करती रहती हो अगर तुम्हें पूजा पसंद नहीं है तो बता दो मैं पूजा को लेकर कहीं और चला जाऊंगा लेकिन मैं इस तरीके से रोज-रोज इसको अपमानित होते हुए नहीं देख सकता बेटे की बात सुनकर सासू मां को गुस्सा आ जाता है और वह बोलती है हां हां वैसे भी यह छोटे कद वाली बहू मेरे किस काम की आधा काम तो मुझे ही करना पड़ता है इसका| अगर तुझे कहीं और रहना है तो तू शौक से चला जा मेरे पास मेरी बड़े कद वाली बहू है वह मेरा सारा काम करेगी अब छोटे कद वाली बहू का पति उसको अपने साथ किसी और जगह रहने के लिए ले जाता है और वह दोनों घर छोड़ देते हैं
अब सासू मां को शाम को भूख लगती है तो वह अपने बड़ी कद वाली बहू को देख ढूंढ रही होती है तो वह घर में आवाज लगती है तो वह नहीं सुनती अब ऊपर जाकर देखती हैं तो वह मजे से टीवी देख रही होती है वह उससे बोलती है कि अरे बहु कुछ खाना तो बना ले बहुत भूख लगी है तभी बड़े कदवाली बहू बोलती है मां की आज मेरे सर में बहुत दर्द है आज प्लीज आप खाना बना लीजिए मुझे थोड़ा रेस्ट करना है मैं बहुत थक गई हूं क्योंकि अभी सुबह ही में किटी करके आई थी तो आज वही खाना पीना भी हो गया और वहां पर डांस भी किया तो मेरे पैर में दर्द हो गया तो आज खाना आप बना लीजिए
अब बहू की यह बात सुनकर वह खाना बनाने रसोई में चली जाती है सोचती है कि चलो ठीक है कल से कर लेगी अब अगले दिन सुबह वह जब उठती है तो देखती है कि कोई उसे चाय वाय नहीं दे रहा है तो वह अपने बड़े कद वाली बहू को आवाज लगाती बहु चाय तो दे दे इतनी सुबह हो गई है फिर मैं भी पूजा करने जाती हूं अब वहां से कोई आवाज नहीं आती तो वह देखती है कि बड़े कद वाली बहू आराम से सो रही है वह उसको उठाकर बोलती है अरे मेरे को चाय तो बना कर दे दे तो वह बोलती है मां जी आप चाय बनाकर खुद भी पी सकती हो आपको मैंने बताया तो था कि मैं कल से काम करूंगी. अब वह खुद से चाय बनाकर पी लेती है अब दिन में जब खाना खाने की बारी आती तो सभी लोग घर आते हैं तो वह देखते हैं कि खाना तो अभी तैयार ही नहीं है तो उनके ससुर अपनी पत्नी से पूछता है अरे आज खाना नहीं है खाना तो दो, तो वह बोलती है खाना तो बना नहीं, अब वह बहु से पूछती है बहू बोलती है आपको पता तो है कि मुझे अभी अपनी सहेली के साथ शॉपिंग करने जाना है तो आज आप खाना बना दीजिए कल से मैं बना लूंगी.
तो सास कहती है की मुझे
अपनी गलती का एहसास हो गया है भले ही मेरी बहु छोटे कद वाली है लेकिन इसी ने घर को
अच्छी तरह से संभाल रखा था. मुझे समझ में आ गया है की छोटे या बड़े कद से कोई फर्क नहीं
पड़ता. इसीलिए मैंने ये फैसला किया है की अब ये कहीं नहीं जाएगी अगर तुम्हे कोई परेशानी
है तो तुम इस घर से जा सकती है नहीं तो तुम दोनों को मिलकर इसी घर में प्यार से रहना
होगा और मिलकर घर के सारे काम करने होंगे. अब सास की बातें बड़े कद वाली बहु को समझ
आ जाती है और वे सभी प्यार से मिलजुलकर रहने लगते है.
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