नहीं आऊंगी मायके वापस Saas Bahu Ki Kahani Saas Bahu - यह कहानी है पूजा की
पूजा अपने ससुराल में नई-नई थी क्योंकि पूजा की लव मैरिज थी इसीलिए उसकी सास उसको बहुत ही लाड प्यार से रखती है जितना अपने बेटे को प्यार करती है उतना ही प्यार पूजा से भी करती है उसको अपनी बेटी समान ही मानती है क्योंकि पूजा का थोड़ा सा जिद्दी स्वभाव था और वह थोड़ी नखरे वाली भी थी यह बात उसके पति रवि को पता थी लेकिन वह पूजा को बहुत प्यार करता था इसीलिए वह कभी-कभी उसकी जिद पूरी करने के लिए उसकी गलत आदतों को भी इग्नोर कर देता था
अब एक दिन पूजा की सास पूजा के कमरे में आती है और उससे बोलती है लो बेटा सुबह की चाय पी लो और एक काम करना आज मुझे थोड़ा सा बाहर कीर्तनों में जाना है तो तुम दिन में खाना बना लेना और रवि को भी खिला देना मैं शाम तक आऊंगी अब यह बोलकर वो घर से चली जाती है जब वह शाम को घर लौट कर वापस आती है तो वह देखती है की पूजा तो अपने कमरे में आराम से सोई है
फिर वह रसोई में जाकर देखती हैं तो उसने कुछ भी खाना नहीं बनाया हुआ होता अब पूजा थोड़ी देर बाद उठ कर नीचे आती है और उसकी सास उसको चाय देती है और उससे बोलती है बेटा आज थक गई होगी इसीलिए शाम तक सोई हो तभी पूजा बोलती है नहीं माँ जी आज आप घर में नहीं थे तो मेने रवि से बोला कि चलो हम बाहर मूवी देखने जाते हैं और खाना भी बाहरी खा लेंगे तो हम दिन में बाहरी खाना खा कर आए और रवि घर आकर काम पर चले गए थे इसीलिए मैं बैठी थी तो मुझे नींद लग गई
वैसे मम्मी जी चाय बहुत अच्छी बनाई है आपने ऐसा बोलकर पूजा चाय पीने लगती हैं अब शाम को रवि जब घर आता है तो सभी लोग डिनर कर रहे होते हैं तो पूजा अपना खाना लेकर वहां से जाने लगती है तभी रवि उससे पूछता है की पूजा तुम कहां जा रही हो पूजा बताती है अरे वह मेरी एक फ्रेंड का कॉल आया है ना तो वह उसको कुछ पूछना था कि कल हम लोगों का घूमने प्रोग्राम बन रहा है तो मैं हम सोच रहे थे कि कुछ सेल वगैरा भी लगी है तो वहां पर जाएंगे तो उसी के बारे में डिस्कशन करना है इसीलिए मैं उससे बात करने के लिए रूम में जा रही हूं
है पूजा की यह बात सुनकर रवि नराज हो जाता हे और पूजा से तेज आवाज में बोलता है की पूजा देखो मैंने तुम्हें आज तक कभी किसी चीज के लिए रोक-टोक नहीं की है लेकिन यह जो तुम कर रही हो अच्छा नहीं है सब लोग एक जगह बैठकर खाना खा रहे हैं और तुम अपना खाना उठाकर अपने कमरे में जाने लगी हो फिर पूजा रवि से बोलती है कि मैंने बताया ना कि मेरी फ्रेंड का कॉल आया है उससे बात करनी है तभी रवि बोलता है नहीं पूजा तुम्हें सभी के साथ खाना चाहिए और यह मैनर्स तुम्हें पता होने चाहिए कि जब सब लोग मिलकर खाना खा रहे हैं तो तुम्हें साथ में बैठकर खाना खाना चाहिए तुम इस घर की बहू हो और बल्कि तुम्हें और लोगों को खाना खिलाना चाहिए उल्टा तुम्हारा खाना मम्मी लगा कर दे रही हैं उसमें भी तुम खाना उठा कर जा रही हो अब रवि की यह बात सुनकर पूजा गुस्से में तमतमा जाती है और खाने की प्लेट वही टेबल पर पटक कर अपने कमरे में चली जाती है
अब रवि भी पूजा के पीछे-पीछे कमरे में आता है पूजा रवि से बात नहीं कर रही होती है तो रवि उससे बोलता है देखो पूजा तुम खुद बताओ तुम्हें घर में एक बहू की तरह नहीं बेटी की तरह मेरी मां ने रखा है लेकिन मेरी इतनी सी बात तुम्हें इतना बुरा लग गई कि तुम खाना ऐसे वहां पर पटक कर आ गई
क्योंकि पूजा थोड़ा सा लाड प्यार में ज्यादा ही पड़ी बड़ी थी उसको इतनी भी समझ नहीं थी कि अगर ससुराल में थोड़ा बहुत एडजस्ट करना पड़ता है यह बात ना समझते हुए भी पूजा रवि से ही बोलती है कि नहीं रवि तुमने आज बहुत बड़ी बात कर दी है ऐसा तो मेरे मां-बाप ने मुझे कभी नहीं टोका और वह रवि से नराज हो जाती हे
अब अगले दिन पूजा अपना सारा सामान पैक कर रही होती है तभी रवि उससे पूछता है की पूजा यह क्या कर रही हो तुम तो पूजा बोलती है कि मैं अपने घर जा रही हूं मुझे यहां नहीं रहना है क्योंकि मेरे मायके में कोई भी ऐसे मेरा अपमान नहीं करता है वहां सब मुझे प्यार करते हैं इसीलिए मैं जा रही हूं और ऐसा बोलकर वह घर छोड़कर चली जाती है रवि उसे रोकने की कोशिश करता है लेकिन वह नहीं मानती है पूजा अपने मायके में पहुंच जाती है तो जब वह घर पहुंचती है तो उसकी मां उसको देखकर बहुत खुश हो जाती है और कहती है
अरे बेटी तू
अचानक से कैसे
आ गई तो
पूजा बोलती है
मां अंदर आने
दो फिर बताती
हूं अब पूजा
अंदर जाती है
तो उसकी मां
उससे पूछता है
बेटी अचानक कैसे
आना हुआ तब
पूजा रोने लग
जाती है और
अपनी मां को
सारी बात बताती
है अब उसकी
भाभी भी वहीं
पर होती है और
उनकी सारी बातें
सुन रही होती
है अब पूजा
की मां पूजा
से बोलती है कि
बेटा तू एक
काम कर तू
अंदर जा पहले
और फ्रेश होकर
आ उसके बाद
बात करती हूं
अब पूजा अंदर
चली जाती है
पूजा की
मां और उसकी
भाभी सोफे
पर बैठे होते
हैं उसकी भाभी पूजा की मां
से बोलती है मां
जी यह आपको
क्या लगता है
पूजा ने सही
किया अपना ससुराल छोड़कर मायके में
ऐसे आ गई
है तब उसकी मां
कहती है अरे
यह छोटी-छोटी
बातों पर
गुस्सा करके हर
दूसरे दिन ऐसे
ही आ जाती
है.. फिर उसकी
भाभी बोलती है
माँ जी यह क्या सही
है ऐसी छोटी-छोटी बातों
पर अपने मायके
आ जाना तब फिर
उसकी मां बोलती
है मैं क्या
करूं मुझे समझ
में नहीं आ
रहा है क्योंकि
बचपन से ही
इसको हमने इतने
लाड प्यार दिया
है कि अब यह अब
यह बिल्कुल जिद्दी
हो गयी है सब
कुछ इसके हाथ में
लाकर दिया
अब इसको भी तो सोचना चाहिए कि अब ससुराल वाली हो गई है थोड़ा सा तो एडजस्ट करना ही पड़ता है अब मैं इसे कुछ बोलूगी तो इसको बुरा लगेगा और बोलेगी कि यहां भी मुझे सब लोग सुन रहे हैं मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है तब पूजा की भाभी बोलती है मां जी आप अगर आप पूजा को ऐसे ही सपोर्ट करते रहोगे तो इसे इसका घर-घर नहीं बना पाओगे उल्टा घर बर्बाद हो जाएगा एक काम करिए हमें कुछ ना कुछ करना पड़ेगा नहीं तो यह हर दूसरे दिन ऐसी छोटी-छोटी बातों पर घर ससुराल छोड़कर मायके आ जाएंगे और एक दिन ऐसा आएगा कि इन दोनों का रिश्ता भी खराब हो जाएगा ..तब पूजा की मां बोलती है क्या करें तू ही बता बहू ..
तब उसकी भाभी बोलती है मां जी मैं ही कुछ करती हूं लेकिन आपको भी मेरा साथ देना होगा तो उसकी मां बोलती है हां मैं तुम्हारे साथ हूं…. अगले दिन पूजा सोफे पर बैठकर टीवी देख रही होती है कि उसकी भाभी वहां पर आकर उसको बोलती है पूजा जरा सा किचन में मेरी हेल्प कर दो मुझे कहीं जाना है तो तुम थोड़ा सा मेरी हेल्प करेगी तो मेरा काम जल्दी-जल्दी हो जाएगा तो पूजा बोलती है….. भाभी क्या इतना थक के तो मैं आई हूं ससुराल से अब यहां भी आकर काम करूंगी कैसे होगा मुझे आप कर लो ना भाभी मुझे सीरियल देखने दो इतना अच्छा सीरियल आ रहा है प्लीज भाभी … ऐसा बोलकर पूजा फिर से टीवी देखने लग जाती है
अब वहीं पर उसकी मां बैठी होती है उसकी भाभी अपनी सास से बोलती है माँ जी घर का भी और बाहर का भी सारा काम मुझे अकेले ही करना पड़ता है ऐसे नहीं नहीं चलेगा घर में और मैं पूजा से थोड़ी हेल्प के लिए बोला तो यह भी मेरी हेल्प नहीं कर रही है पूजा के पास सीरियल देखने का टाइम है लेकिन घर के काम में हाथ बताने के लिए टाइम नहीं है या तो आप मेरी मदद करो या फिर आप पूजा को मेरी मदद करने के लिए बोलो या फिर एक नौकर ही रख दो क्योंकि मेरे से सारे काम नहीं होते हैं
अब उसकी सास बोलती
है बेटी मैं कहां से तेरी मदद करूं मेरे तो वैसे ही हाथ पैरों में इतना दर्द रहता है
चला जाता नहीं एक काम करती हूं पूजा से ही बोलती हूं अब पूजा
की मां पूजा से बोलती है बेटी जाओ थोड़ा सा भाभी की मदद करो भाभी ने बोला तो है ना
उनको कहीं जाना है तो बेटा थोड़ी उनकी हेल्प कर दो किचन में अब पूजा मरे मन से किचन
में भाभी के साथ काम करने लग जाती
है लेकिन मन ही मन सोचती है इससे अच्छा तो मैं अपने ससुराल में थी वहां कम से कम ऐसे
काम तो नहीं करना पड़ रहा था यहां आते ही भाभी ने काम पर लगा दिया क्या करूं मुझे तो
कुछ समझ नहीं आ रहा है
अब आप जैसे तैसे पूजा काम निपटा कर अपने कमरे में सोने चली जाती है जैसे ही पूजा अपने कमरे में आराम कर रही होती है तो थोड़ी ही देर में उसकी भाभी दरवाजे पर आ जाती है और पूजा से कहती है अरे पूजा तुम क्या कर रही हो तो पूजा बोलती है भाभी मैं आराम कर रही हूं फिर उसकी भाभी बोलती है ठीक है एक काम करना शाम को पास की दुकान है से थोड़ा सब्जियां ले आना क्योंकि घर पर सब्जियां खत्म हो रही है तुम सब्जियां लाकर उनको थो कर काटकर बना लेना क्योंकि आज गुड्डू के पापा बाहर गए हुए हैं तो मुझे ही गुड्डू को कोचिंग से लाना पड़ेगा और शाम के 8:30 बज जाएंगे
ऐसा बोलकर भाभी वहां से चली जाती है अब पूजा बोल तो कुछ नहीं पाती और शाम को सब्जियां लेने बाजार की ओर चली जाती है और मन ही मन अपनी भाभी को बोलती है कि यार इसने तो मुझे ही नौकर बना कर रख दिया है अब इसका खाना बना कर भी दो अब सब लोग खाना खाकर सो जाते हैं अगले दिन सुबह जब पूजा उठाती है तो उसकी भाभी उसके लिए चाय लेकर जाती है और बोलती है गुड मॉर्निंग पूजा यह लो चाय …
पूजा भाभी को गुड मॉर्निंग बोलकर कुछ मैसेज वगैरा रीड करने लगती है और चाय पी रही होती है तभी उसकी भाभी बोलती है एक काम करो पूजा मैं गुड्डू के लिए नाश्ता बना रही हूं तब तक तुम अपने भैया और पापा जी के कपड़े रखे हुए हैं उनको प्रेस कर दो क्योंकि उनको भी अभी ऑफिस जाना है पूजा ठीक है अब पूजा यह सब बातें सुनकर एकदम से अपनी भाभी पर चिल्लाने लगती है और बोलती है भाभी एक बात बताओ तुमने तो मुझे नौकरानी ही बना कर रख दिया है जब से आई हूं तब से यह करो वह करो यह सब मैं नहीं कर सकती मैं आराम करने आई हूं
यह सब बातें सुनकर उसकी भाभी बोलती है देखो पूजा मैं भी कोई इस घर की नौकरानी नहीं हूं जो सारा काम अकेले ही करूंगी ठीक है… यह घर हम सबका है तो हम सब को मिलकर ही इस घर को चलना होगा अब तुम इस घर में यहां पर आई हो तो तुम्हें भी इस घर में हाथ बताना होगा मैं भी जब इस घर में आई थी तो मुझे भी यह सब अच्छा नहीं लगता था लेकिन जब हम किसी के घर में रहते हैं तो हम सबको मिलकर ही काम करना होता है मुझे भी पसंद नहीं था कि कपड़ों में प्रेस करना कपड़े धोना सारी जिम्मेदारियां उठाने लेकिन मुझे पता था कि मैं इस घर की बहू हूं और यह घर मेरा है और इस घर को संभालना मेरा कर्तव्य है इसीलिए मैं यह सब कर रही हूं मैं कोई नौकरानी नहीं हूं
तो इसीलिए अगर तुम्हें इस घर में रहना है तो तुम्हें भी घर का काम करना होगा और हाथ बताना होगा यहां ऐसे लेट कर मोबाइल चलाकर काम नहीं चलेगा पहले तुम छोटी थी इसीलिए हम तुम्हें कुछ नहीं देते थे लेकिन अब तुम छोटी नहीं रह गई हो तुम्हारी भी शादी हो गई है तो तुम्हे भी समझना चाहिए की शादी के बाद हर लड़की की जिम्मेदारियां बदल जाती है घर बदल जाता है जैसे मेरा बदला है
तो जल्दी से चाय पी लो और मेरे साथ हेल्प करो अब
पूजा अपनी भाभी की यह सब बातें सुनकर मां के
पास जाती है और बोलती है मां देखो भाभी मुझे कितना काम बता रही है और मुझे सुनाई जा
रही है इतना तो मेरी सास ने भी मुझे काम नहीं कराया और ना ही सुनाया जितना भाभी ने
आज मुझे यहां पर सुनाया …..जितना काम भाभी मुझे यहां पर बता रही है उसका 1% भी अपने ससुराल
पर कर देती तो मुझे रानी बनाकर रखते वैसे भी
उन्होंने मुझे रानी ही बनाकर रखा है यहां आकर तो तुम लोगों ने मुझे नौकरानी बना दिया
है इससे अच्छा तो मैं अपने ससुराल में ही थी मुझे नहीं रहना यहां अब मैं यहां से जा
रही हूं अपने ससुराल अब मैं कभी "नहीं आऊंगी मायके वापस Saas Bahu Ki Kahani Saas Bahu" परेशान हो गई हूं मैं
ऐसा बोलकर वह अपना बैग उठाकर पैक करने लगती है और बडबडाते हुए वहां से चली जाती है…जब वह अपने ससुराल पहुंचती है तो उसकी सास उसको देखकर बहुत खुश हो जाती है और बोलती है अरे पूजा बेटा तुम आ गई तुमने बताया भी नहीं मैं रवि को भेज देती तुम्हे लेने के लिए और तुम मायके क्यों गई थी तुमने बताया भी नहीं तभी पूजा बोलती है कुछ नहीं मम्मी की तबीयत खराब थी उनको देखने गई थी सब एकदम अचानक से हुआ मैंने सोचा क्या सब लोगों को डिस्टर्ब करू
इसीलिए नहीं बताया और चुपचाप चली गई…….अब उसकी सास बोलती है बेटा ठीक है तू बैठ मैं तेरे लिए कुछ नाश्ता वगैरह बनाती हूं तू थक गई होगी आते हुए तभी पूजा बोलती नहीं माँ जी मैं कहां से थक गई मैं तो गाड़ी में बैठकर आराम से आई हूं आप दिन भर घर में काम करके थक गए होंगे आप थोड़ी देर रेस्ट कर लो उसके बाद मैं नाश्ता बनाती हूं हम दोनों मिलकर नाश्ता खाएंगे और आपसे बहुत सारी बातें करनी है और मिलकर टीवी देखते हुए मजे से बातें करेंगे
अब अपनी बहू का यह
सब बदला हुआ व्यवहार देखकर उसकी सांस हैरान हो जाती है और खुश होकर उसको गले लगा लेती
है.
0 टिप्पणियाँ