यह कहानी है एक गरीब लड़का करोड़पति अमीर लड़की | amir garib ki kahani | Garib Amir ka Pyaar | Heart Touching Sad love Story | Moral Story 2024
शहर का सबसे बड़ा कॉलेज जहां पर सिर्फ अमीर लोग ही पढ़ते थे आज कॉलेज में एडमिशन के लिए बड़ी-बड़ी गाड़ियों में अमीर लड़के लड़कियां आ रहे होते हैं कॉलेज में सभी लोग एडमिशन के लिए लाइन में लगे थे
उतने में ही एक खूबसूरत सी लड़की अपना फर्स्ट ईयर का फॉर्म भरने के लिए लाइन पर लगी होती है जिसका नाम रिया होता है वह देखती है कि एक गरीब सा दिखने वाला लड़का उसका बहुत देर से पीछा कर रहा है और अचानक उसके पास आता है रिया डर जाती है और उसको एक जोर से थप्पड़ मारती है बोलती है मैं बहुत देर से तुम्हें नोटिस कर रही हूं तुम मेरा पीछा कर रहे हो कौन हो तुम और क्या चाहते हो
तभी वह लड़का बोलता नहीं ऐसा कुछ नहीं है मैं आपका पीछा नहीं कर रहा हूं यह पर्स आपका है रिया उस पर्स को देखकर चौंक जाती है बोलती हां यह तो मेरा ही पर्स है वह लड़का बोलता है अभी आप जब गाड़ी से उतरी तो यह पर्स नीचे गिर गया था मैं बहुत देर से आपको रोकने की कोशिश कर रहा था लेकिन आप सीधे चले जा रही थी इसलिए मुझे यहां आना पड़ा अब रिया को एहसास होता है कि वह उसका पीछा नहीं कर रहा था बल्कि उसको पर्स लौटाने की कोशिश कर रहा था रिया बोलती है सॉरी मेने आपको गलत समजा मैं अपनी गलती के लिए माफी मांगती हु
वैसे में अभी कॉलेज में नई हु अभी फर्स्ट ईयर का फॉर्म ले रही थी आप कौन है अपना नाम …….. मेरा नाम रवि है मैं भी इस कॉलेज मे एडमिशन लेने आया हूं वैसे यह कॉलेज
बहुत अमीर लोगों का है और इसकी फीस मेरे घर वाले afford नहीं कर सकते लेकिन मुझे पूरे
देश में टॉप करने की वजह से स्कॉलरशिप मिली है जिसकी वजह से इस कॉलेज
में एडमिशन फ्री ऑफ कॉस्ट दिया गया है क्योंकि इस कॉलेज में सभी लड़के लड़कियां अमीर
घरों के हैं मैं
भी फर्स्ट ईयर का ही फॉर्म ले रहा हू
अब दोनों का फर्स्ट ईयर में एडमिशन
हो जाता है वहां के सभी अमीर लड़के रिया को
रवि से बात करते हुए देखते हे और उसको देखकर चिड़ने लगते हैं वे रिया से बोलते हैं रिया तुम इस गरीब लड़के से बात क्यों कर रही हो
ये हमारे लेवल का नहीं है तुम्हें इससे बात नहीं करनी
चाहिए और उनमें से एक लड़का रवि को धक्का भी देता है
रवि एक मिडिल
क्लास फैमिली से था इसलिए चुपचाप से उन लड़को की बाते सुनता रहता है कुछ नहीं बोलता
वह जानता था कि वह पढ़ने आया है ना कि कॉलेज
में लड़ने….. रवि चाहता तो उन सब लड़को को अच्छे से सबक सीखा सकता था लेकिन रवि के संस्कार
उसको यह सब चीज करने से रोक देते थे क्योंकि उसको पता था कि इनमें से आधे लड़के पढ़ते
नहीं सिर्फ अपने अमीर बाप के पैसों का धुआं उड़ाने आए हैं
लेकिन रवि अच्छे से जानता था अगर वो इस कॉलेज से पढ़ाई
पूरी करता है तो विदेश में एक बहुत बड़ी नौकरी मिल सकती है जिससे वह अपने घर की आर्थिक
स्थिति को सुधारना लेगा … इसलिए वह चुप रहता है तभी रिया उन सब लड़को से बोलती है कि अगर तुमने रवि को कुछ
भी बोला तो तुम सब जानते हो ना कि मैं कौन हूं और तुम सब का क्या हाल होगा
रिया की है बात सुनकर सब लड़के चुपचाप वहां से चले जाते है अब रवि हैरान हो जाता है की रिया के सिर्फ इतना बोलने से ही सब लड़के वहां से चुपचाप चले गए अमीर तो वह सब लड़के भी है और रिया भी है लेकिन रिया में ऐसा क्या है कि जिससे वह सब लड़को ने चुपचाप जाना ही बेहतर समझा रवि यह सोच ही रह रहा होता है की रिया बोलती है ठीक है रवि मैं जाती हूं मेरी क्लास का टाइम हो रहा है तुम भी अपना ध्यान रखना
अब रवि कॉलेज ग्राउंड में ही खड़ा रहता है उसका एक दोस्त उसके पास आता जिससे रवि ने कॉलेज में अभी नई नई दोस्ती करी होती हे वह उसे बताता है की भाई रवि तुझे पता है रिया के बोलने से वो सब लड़के वहा से क्यों चले गए तो रवि बोलता नहीं यार मुझे कुछ नहीं पता तब रवि का दोस्त बोलता हे रिया के पापा यहां के सबसे बड़े रईस आदमी है और इस शहर के सबसे बड़े डॉन हे इसलिए पूरे कॉलेज में रिया से कोई भी पंगा नहीं लेता क्योंकि अगर उसके बाप को पता चला तो उस लड़के की खैर नहीं यह बात सारे कॉलेज में सभी लड़के अच्छी तरह जानते हैं
इसलिए रिया से कोई भी कुछ नहीं बोलता और तू भी दूर ही रहा कर रिया से क्योंकि अगर इसके बाप को पता चल गया ना कि तू इससे ज्यादा घुल मिल मिल रहा है तो तेरे पूरे खानदान को ही गायब कर सकते है इस बात को ध्यान में रखना क्योंकि उसके बाप का नाम इस पूरे शहर में बदनाम है
अब रवि थोड़ा सा डर जाता है और सोचता है कि यार मुझे तो पढ़ाई करके सेटल होने के लिए इस कॉलेज में आया था और यहां तो रोज नए-नए कांड हो रहे हैं यह सब क्या हो रहा है मुझे रिया से ज्यादा घुलना मिलना नहीं चाहिए कहीं कल को मेरी फैमिली पर कोई बात ना जाए… ऐसा सोचकर रवि अपने कॉलेज की पढ़ाई में लगा होता है
दूसरी तरफ रिया रवि से इंप्रेस थी उसको लगता था कि यह गरीब लड़का दिल का बहुत सच्चा है क्योंकि उसके दिल में पर्स वाली बात घर कर गई थी और जब रिया ने उसे पर एक थप्पड़ लगाया था तो रवि ने गुस्सा ना होते हुए भी उसकी उसकी मदद करी यह बात रिया को इतनी अच्छी लगी की रिया उसको मन ही मन दिल दे बैठी थी
अब कॉलेज के एनुअल फंक्शन के दिन कॉलेज में सभी लोग पार्टिसिपेट करते हैं रिया रवि से बोलती है कि तुम भी पार्टिसिपेट करो पर रवि मना कर देता है बोलता हे मेरा कोई इंटरेस्ट नहीं है इन सब में लेकिन रिया जिद कर के रवि नाम नाटक में लिखवा देती है अब शाम को सभी प्रेक्टिस करके घर जा रहे होते हैं तो रिया रवि से बोलती है रवि हमारे नाटक में गरीब बस्ती को दिखाया गया है लेकिन मैं आज तक कभी किसी गरीब बस्ती में नहीं गई मेरे पापा ने मुझे कभी अलाउड नहीं करा क्या तुम मुझे एक बार किसी गरीब बस्ती को दिखा सकते हो वह कैसी होती है वहां लोग कैसे रहते हैं
तो रवि उसकी बात सुनकर हंसने लगता है और बोलता है अरे हम तो रोज ही उस बस्ती में रहते हैं कहीं और जाने की जरूरत क्या है तुम मेरे घर ही आ जाओ तो तुम्हें गरीब लोग कैसे रहते हैं उसका एहसास वैसे ही हो जाएगा अब रवि यह बात सुनकर रिया खुश हो जाती है कि चलो इसी बहाने से रवि के मम्मी पापा से भी मिलना हो जाएगा
अब रवि रिया से बोलता है चलो तुम मेरी बाइक में चलो तब रिया बोलती नहीं मैं बाइक में नहीं आ सकती क्योंकि बाहर मेरी कार में ड्राइवर मेरा इंतजार कर रहा है और पापा परमिशन नहीं देते हैं न हीं में बिना ड्राइवर के कहीं भी जाऊ हां मैं ये कर सकती हूं कि मैं अपनी गाड़ी तुम्हारे साथ तुम्हारे मोहल्ले में ला सकती हु
अब रवि और रिया कॉलेज गेट के बाहर आते हैं तो रवि
देखता है कि एक बहुत बड़ी कार गेट के बाहर रिया का इंतजार कर रही है तो रिया रवि
से अपनी कार में बैठने को बोलती हे …..चलो रवि बैठो हम चलते हैं तुम बताना तुम्हारा
घर कहां है और रवि हिचकते हुए उस बड़ी सी कार में बैठ जाता है जब वह कार रवि के मोहल्ले
में आती है तो मोहल्ले के सभी लोग उस बड़ी कार को देखकर बातें बनाने लगते हैं कि आज
इस मोहल्ले में कौन आ गया इतनी बड़ी कार लेकर
बस्ती के सभी लोग उस कार को देकते रहते हे कार जाकर रवि के घर के गेट पर रूकती है अब रिया देखती है कि रवि का एक पुराना सा घर है और रिया हंसते हुए अंदर जाती है और उसके मम्मी पापा से नमस्ते बोलती है तब रवि के पापा उससे पूछते हैं कि बेटा यह कौन है तब रवि बताता है कि पापा यह मेरे कॉलेज में मेरे साथ पढ़ती है और इसने कभी भी गरीब बस्ती नहीं देखी थी तो मैंने सोचा कि इसको मैं अपना ही मोहल्ला दिखा दूं
क्योंकि हमने कॉलेज के एनुअल फंक्शन में एक नाटक में भाग लिया है जो गरीब बस्ती के बारे में हे और रिया चाहती हे की वो ये बस्ती देखे ताकि अभिनय अच्छी तरीके से सके रिया ने आज तक कभी भी गरीब बस्ती नहीं देखि हे इसके मम्मी पापा इसको अकेले कवी जाना अलाव नहीं करते आज ही बहुत मुश्किल से आई है अब यह सब बात सुनकर उसके पापा कहते हैं अच्छा ठीक है बेटा तुम लोग देखो मैं चलता हूं अब रिया उसके घर को देखती हे और बहुत खुश हो जाती है बोलती है रवि एक दिन तुम भी मेरे घर आना रवि बोलता हैं हां ठीक है चलो अभी देख लिया ना यह सब चीज कैसे होता है
अब रिया के पापा का फोन रिया के पास आता है वह उससे पूछते हैं कि आज इतना लेट हो गया तुम अभी तक घर नहीं पहुंची कहां हो तो रिया उनको बताती है कि मैं अपने किसी फ्रेंड के घर गई हूं और सारी बातें उन्हें बताती है अब उसके पिताजी उसे बोलते हैं ठीक है अब तुमने देख लिया तो तुम वापस आ जाओ रिया अपने घर चली जाती है अब अगले दिन कॉलेज से रवि अपने घर जा रहा होता है कि वह देखता है कि कुछ लोग उसका पीछा कर रहे हैं
अब रवि को कुछ भी समझ में नहीं आता कि यह सब क्या हो रहा है वह जहां
भी जाता वह दो लोग उसका पीछा कर रहे होते हैं तभी रवि का दोस्त बोलता है रवि क्या
हुआ इतना क्यों घबरा रहा हे रवि कहता है यार
पता नहीं मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि जब से रिया मेरे घर आई कुछ लोग मेरा पीछा कर रहे हैं
तब उसका दोस्त उसे बोलता है मैंने
तुझे उसी दिन समझाया था तू रिया
से दूर रहे उसके बाप को यह बात पता चल गई होगी तभी उसने अपने गुंडे तेरे पीछे लगा दिया हैं भाई
मेरी बात मान अगर तू अपने करियर को बनाना चाहता
हैं तो तू रिया से दूर हो जा और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें
अब रवि शाम को अपने
घर पहुंचता है तो वह देखता है कि घर का सारा सामान बिखरा हुआ है और उसके पिताजी
एक टेबल पर उदास बैठे हैं तो रवि बोलता है पिताजी यह सब क्या हो गया हमारा सामान ऐसे
क्यों बिखरा हुआ हे तब उसके पिताजी बताते हैं कि बेटा कुछ लोग आए थे और घर में तोड़फोड़
करी और हमें भी बहुत मारा और बोला इस बस्ती को चार दिन के अंदर छोड़कर चले जाना नहीं
तो तुम में से कोई नहीं बचेगा मैंने पूछा हमारी गलती क्या है तो बोले तुम्हारी गलती
नहीं तुम्हारे बेटे रवि की है जिसकी सजा तुम भुगत रहे हो
अब रवि को सब समझ में आ जाता है कि यह सब रिया के पिताजी कर रहे हैं वह नहीं चाहते कि वो रिया से मिलेजुले
रवि यह सब सोचकर उदास हो जाता है क्योंकि
वह भी रिया को प्यार करने लगा था
लेकिन वह नहीं चाहता था कि उसकी वजह
से उसके घर वाले किसी मुश्किल में पड़े इसलिए जब अगले दिन रवि में कॉलेज जाता है तो रिया से बात नहीं करता रिया उसे है बोलती है रवि क्या हो गया आज तो तुम मेरी किसी बात का जवाब
भी नहीं दे रहे हो
अरे तुम्हारे घर आकर तो मुझे बहुत
ही अच्छा लगा और मैं आज तुम्हें अपने घर ले जाऊंगी रवि बोलता है रिया मैं इस कॉलेज को छोड़ रहा हूं रिया एकदम से चौंक जाती है और बोलती है क्यों ऐसा क्या
हो गया जो तुम इस कॉलेज को छोड़ रहे हो
रवि नहीं चाहता था की रिया को कभी यह बात पता लगे और उसका दिल टूटे इसलिए वह
उससे जुठ बोलता है की रिया मेरा एडमिशन किसी
दूसरे कॉलेज में हो गया है और वहां पर मुझे पढ़ाई के साथ-साथ कुछ मंथली खर्चा भी मिलेगा
मैं सोच रहा हूं कि उस कॉलेज में एडमिशन ले लूं क्योंकि वह भी एक बहुत बड़ा कॉलेज है
और उसमें सबसे अच्छी चीज है कि उसमें मुझे कुछ पैसे मिलेंगे जिससे मैं अपने घर वालों
की मदद कर सकूंगा इसलिए मैंने इस कॉलेज को छोड़कर उसमें एडमिशन का अप्लाई कर दिया है
और मेरा सिलेक्शन भी हो गया है
और फिर रवि बोलता है कि मुझे माफ करना
हमारी दोस्ती सिर्फ यही तक थी तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा लेकिन मैं चाहता हूं कि अब
हम दोनों एक दूसरे से कोई contact ना करें और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें मुझे गलत मत
समझना
रिया उसकी बातें सुनती रहती है लेकिन कुछ नहीं कह पाती
क्योंकि उसको खुद समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब अचानक से ऐसा क्यों हो रहा है अब
रवि अगले दिन कॉलेज नहीं आता है तो रिया उदास
हो जाती है और रवि को फोन मिलाती है तो रवि का फोन भी स्विच ऑफ आता
है रिया बहुत परेशान हो जाती है और वह फैसला
करती है कि अब फिर से वह उसके घर जाएगी और उससे पूछेगी कि अचानक से वह ऐसा क्यों कर
रहा है उसने उससे बात करना क्यों बंद कर दिया
अब रिया उसके घर जब पहुंचती है तो वह देती है कि घर में
ताला लगा है और घर में कोई भी नहीं है अब रिया जब आसपास के लोगों से पूछती है तो कोई
भी उसको कुछ जवाब नहीं देता सब चुपचाप रेहते हैं फिर उनमें से एक बोलता है पता नहीं
कल यह लोग बस्ती छोड़ कर चले गए हैं कहां गए हैं हमें कुछ नहीं पता
अब रिया परेशान हो जाती है और अपने घर वापस लौट जाती है क्योंकि
रिया का मन अब रवि के
बिना नहीं लग रहा था इसलिए वह भी कॉलेज छोड़ देती है और अपने घर पर ही बीमार रहने लगती है
ऐसे ही कुछ साल बीत जाते हैं
अब रिया के पिताजी को उसकी ऐसी हालत देखकर बहुत चिंता होती है अब उसके पिता को अपनी गलती का एहसास होने लगता हे पर वो चाह कर भी अपनी बेटी को सच नहीं बता सकता की उसकी बेटी की इस हालत का जिम्मेदार उसका पिता हे। उसी की गलती की वजह से उसकी बेटी की आज ये हालत हुयी हे
फिर भी रिया के पिता अपनी गलती को
छुपाते हुए वह रिया को बोलता हे की रिया तुम उस
लड़के के लिए रो रही हो जिसने सिर्फ कुछ एक्स्ट्रा पैसे मिल जाएंगे सोच कर वह कॉलेज
छोड़ दिया जहां पर वह उस लड़की के साथ पढ़ता था जिसको वह भी प्यार करता था अरे रिया
बेटा सिर्फ तुम्हारी तरफ से प्यार था उसकी
तरफ से कोई प्यार नहीं था अगर वह तुम्हें चाहता तो कॉलेज को ऐसे ना छोडता उसको तो सिर्फ पैसे की जरूरत
थी जहां ज्यादा पैसे मिले तो उधर चला गया
अब रिया को भी लगने लगता है कि हां उसके पिताजी सही कह रहे हैं क्योंकि रवि ने भी यही बात बताई थी लेकिन उसका दिल नहीं मान रहा होता है फिर भी रिया अपने दिल पर हाथ रखकर बैठ जाती है उसके पिताजी बोलते हैं रिया तुम एक बहुत ज्यादा होशियार लड़की हो अपना करियर ऐसे खराब मत करो
मैं तुम्हारे
लिए एक बहुत बड़ी कंपनी खरीद ली है मैं चाहता हूं कि तुम उसका काम संभालो इसके लिए
तुम्हें यहां से दूर दूसरे शहर में जाना होगा जहां हमने कंपनी खरीदी है और अगर तुम
इस शहर से दूर रहोगी तो तुम्हारा भी मन लगा रहेगा और तुम इन चीजों से उभर पाओगी
अब रिया भी सोचती है कि यहां रहूंगी तो इन सब चीजों के बारे
में सोचती रहूंगी इससे बढ़िया मैं इस शहर को ही छोड़ देता हूं अब रिया दूसरे शहर चली जाती है और उसके पापा द्वारा खरीदी
गयी कंपनी में मालकिन के रूप में ज्वाइन कर ले है
क्योंकि वह कंपनी इतनी बड़ी थी कि उसमें इतने सारे लोग थे की रिया को सभी लोगों को जानने समझने का मौका ही नहीं मिला
था
अब वह सोचती है कि क्यों ना एक बार
अपने सारे स्टाफ को बुलाया जाए और इन सभी लोगों से अपना परिचय कराया जाए इसके लिए वह
कंपनी में सभी लोगों को इन्फॉर्म करवा देती है की कंपनी की एक नई शुरुआत के लिए सभी
लोगों लोगों को यहां से 500 किलोमीटर दूर एक हिल स्टेशन पर जहां पर एक बहुत बड़ा रिसोर्ट
है वहां पर आना है इसमें कंपनी का हर एम्पलाई चाहे वह अमीर हो या गरीब हो छोटा हो या
बड़ा हो आना जरूरी है सभी के आने जाने का खर्चा कंपनी के द्वारा उठाया जाएगा ऐसा बोर्ड
कंपनी में लगा दिया जाता है अब सभी कंपनी के लोग बहुत खुश हो जाते हैं कि चलो इसी बहाने
से उन्हें भी घूमने और कुछ सीखने को मिलेगा
अब पार्टी वाले दिन रिया अपने पापा के साथ अपने पर्सनल हेलीकॉप्टर से उस रिजॉर्ट
की और जा रही होती है कि उनका हेलीकॉप्टर बीच में क्रैश हो जाता है जिसमें रिया के पिताजी को सर पर बहुत गंभीर चोट आई है अब उन्हें
अस्पताल में ले जाया जाता है जहां पर डॉक्टर उन्हें बताते हैं कि इनको ब्लड की सख्त
जरूरत है और इस हिल स्टेशन पर ब्लड इतनी जल्दी नहीं मिल
सकता इसलिए अगर आप ही के स्टाफ में से किसी
एक का ब्लड जो इनके ओ पॉजिटिव है यह अगर हो तो वह इनको लग सकता है अब यह बात जब सारे
स्टाफ पर चलती है तो सभी लोग का ब्लड सैंपल लिया जाता है लेकिन सिर्फ एक ही व्यक्ति
था जिसका ब्लड उसके पिताजी से मैच करता है और उनको दिया जाता है जब रिया को यह बात पता चलती है तो वह उस देवता समान आदमी
को मिलने के लिए अपने केबिन में बुलाती है जिसने उसके पिताजी की जान बचाई
जैसे ही उस आदमी की एंट्री होती है तो रिया
के होश उड़ जाते हे यह शख्स कोई और नहीं रवि होता है फिर रिया बोलती है मेरी इतनी बुरी हालत करके भी क्या तुम्हारा
दिल अभी नहीं भरा जो तुम दोबारा मेरी जिंदगी
में आ गए हो फिर से एक नया खेल खेलने अब में अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही हु सब
कुछ भुलाकर क्या तुम नहीं चाहते कि मैं इस दुनिया में एक हंसी-खुशी वाली जिंदगी जी
सकूं
तुमने तो पेसो के लालच में मुझे छोड़कर बिना बताये चले गए तुम जैसा लालची मतलबी लड़का मेने आजतक नहीं देखा ऐसा बोलकर रिया रोने लगती है तभी रवि उसको बोलता है रिया तुम पहले एक बार मेरी बात सुन लो
रिया बोलती हे मुझे कुछ नहीं
सुनना है तुम्हें पता भी है पिछले कुछ सालों में
से किस दौर से गुजरी हूं अब मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है तभी रवि बोलता है अगर में तुम्हे सच बता दूंगा तो
तुम अपने पिताजी को कवी माफ़ नहीं करोगी उन्होंने मेरे साथ और मेरे परिवार के साथ जो
किया वो तुम जानती भी नहीं हो
लेकिन मुझे लगता है आज तुम्हें सारी
सच्चाई पता ही चल जानी चाहिए कि मेरे साथ क्या हुआ था अब मेरी बात सुनो रवि उसको सब
बातें बताता है जो भी उसके साथ रिया के पिताजी ने किया था जिसकी वजह से वहां अलग
हो गए थे और रवि को शहर छोड़ कर जाना पड़ा अब रिया रवि की यह सब बातें सुनकर चौंक जाती
है और उसको विश्वास नहीं होता कि उसके पिताजी रवि के साथ ऐसा कर सकते हैं फिर रिया
बोलती है मैं तुम्हारी बातों में अब नहीं आने वाली मुझे तुम्हारी किसी बात का भरोसा
नहीं मैं अभी तुम्हें अपने पिताजी के सामने लेकर जाऊंगी और उनसे यह सब पूछूंगी अब रिया
रवि को लेकर
अपने पिताजी
के पास जाती है और अपने पिताजी से रवि की बताई हुई सारी बातें पूछती है तब रिया के
पिताजी बोलते हैं हां बेटा रवि सच बोल रहा है और तुम दोनों को अलग करने का प्लान मेरा
ही था जिसकी सजा आज मुझे मिल गई है और
आज देखो रवि नहीं होता तो मुझे ब्लड कौन देता रवि की वजह से ही आज मुझे नया जीवनदान
मिला है अब रिया के पिताजी हाथ जोड़कर दोनों
से माफी मांगते हैं और बोलते हैं मुझे माफ कर दो मैं अपने पैसों के घमंड में अंधा हो
गया था जिसकी वजह से मैंने तुम दोनों को अलग किया लेकिन अब मुझे अपनी गलती का एहसास
अच्छे से हो चुका है और मैं समझ चुका हूं कि जिंदगी में पैसा ही सब कुछ नहीं होता है
बेटा तुम दोनों हमेशा के लिए एक साथ रहो और
रिया और रवि की शादी बड़ी धूमधाम से हो जाती है और एक गरीब लड़का करोड़पति अमीर लड़की | amir garib ki kahani | Garib Amir ka Pyaar
दोनों एक साथ अपनी एक नई लाइफ की शुरुआत करते हे.
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