बहू बेटी में फ़र्क करने वाली | Moral Story Hindi 2025 | Saas Bahu | Kahaniyan acchi acchi new

रेणु की शादी को 5 साल से भी ज्यादा समय हो चुका था लेकिन इन 5 सालों में वह एक बार भी अपने मायके नहीं जा पाई उसकी वजह थी उसकी सास जो उसको कभी भी मायके नहीं जाने देती थी उसकी सास तरह-तरह के बहाने बनाती थी ताकि रेनू मायके ना जा सके क्योंकि उसकी सास को लगता था कि अगर यह मायके चली गई तो घर का सारा काम कौन करेगा मेरी सेवा कौन करेगा इसीलिए वहां कुछ ना कुछ बहाना बना कर उसको मायके जाने से रोक देती थी.



रेनू अपनी सास के इस बर्ताव से बहुत ज्यादा परेशान थी और अपने पति से इस बारे में कई बार बोल चुकी थीपर पति बेचारा क्या करता उसकी तो घर में कोई सुनता ही नहीं था अगर वह कभी इस बारे में घर में बात करता था तो बवाल हो जाता था इस डर से वह भी चुप रहता था और रेनू से बोलना था अरे अभी बच्चे छोटे हैं ना अभी थोड़ा सा इन्हें बड़े होने दो फिर तुम्हारे मायके चलेंगे वैसे भी तुम्हारा मायका बहुत दूर है जाने में ही 2 दिन लग जाते हैं

 इतने में रेनू बोली 2 दिन तो लगते हैं यह सही कहा तुमने लेकिन इतने सालो में एक बार भी कभी गई हूं  मैं अपने मायके सिर्फ फोन पर ही बात करके मन बहलाना पड़ता है अब उसका पति इधर-उधर देखता है और बोलता है चलो ठीक है देखते हैं इस बार मौका मिलेगा तुम चलेंगे ऐसा बोलकर वह खाना खाकर ऑफिस के लिए निकल जाता है अब रेनू फिर से किचन में अपना काम करने लगती है तभी उसकी सास जो ड्राइंग रूम में बैठकर टीवी देख रही होती है उसका फोन बजता है फोन उठाती है तो वहां से उसकी ननद पूजा का फोन आता है पूजा बोलती है मां कैसी हो तभी उसकी सास बोलती है




 बेटी बहुत दिन हो गए आज फोन आया है तेरा पूजा बोलती है मां कल ही तो फोन पर बात हुई थी बहुत दिन कहां से हो गएतो दोनों हंसने लगते हैं अब यह सब बातें रेनू किचन में सुन रही थी और मन ही मन में सोच रही थी बताओ  इनका तो 1 दिन में फोन पर बात नहीं होती तो लगता है बहुत दिन हो गए और मेरी मां का महीनो में एक बार फोन आता है उसमें भी मुझे सुनाती हैं कि दिनभर फोन में लगी रहती है हाय मेरी किस्मत कैसी है बोलकर बेचारी चुपचाप किचन में काम करने लग जाती है

तभी थोड़ी देर में उसकी सास भी किचन में आती है और रेनू से बोलती है रेनू सुनो कल पूजा घर रही है तो तुम बाजार से सब सामान खरीद के ले आना बच्चे भी आएँगे  उनको खाने के लिए अच्छी-अच्छी चीज चाहिए होगी इतने महीना बाद रही है मेरी बेटी कुछ दिन मायके में आराम से रह कर जाएगी रेनू अपनी सास की बातें सुनकर चुपचाप उसे देखती रहती है क्योंकि उसके पास बोलने के लिए कोई शब्द नहीं होते और यह सोचती है कि मुझे 5 साल में एक बार भी मायके नहीं जाना दिया.



अगले दिन रेनू अपने कमरे में काम कर रही होती है तभी उसकी नंद पूजा का फोन आता है और उसकी सास  फोन पर बात करने लग जाती है और जोर से बोलता है क्यों तू तो कल कह रही थी कि तू आएगी अब क्यों नहीं रही है तू ऐसा क्या हो गया जो तूने अचानक से प्लान ही बदल दिया तो पूजा वहां से बोलती है मम्मी रहने दो मैं फिर कभी आऊंगी फिर रेणु की सास बोलती है ऐसे कैसे नहीं रही है तू यहां पर मैंने सारा इंतजाम कर रखा है तुझे 3 महीने हो गए घर नहीं आई है ऐसा नहीं कर बेटा तुझे आना ही पड़ेगा तेरी बहुत याद रही है मुझे

तो वहां से उसकी ननद बोलती है मम्मी मेरी सास मुझे नहीं भेज रही है तेरी सास तुझे क्यों नहीं भेज रही है पहले तो वह कभी ऐसा नहीं करती थी तुझे चुपचाप भेज देती थी अब ऐसा क्या हो गया है जो वह तुझे आने नहीं दे रही पूजा कुछ नहीं बोलता है और शांत हो जाती है रेणु की सास बोलती है मैं तेरी सांस से बात करती हूं और फोन काट देती है और तुरंत पूजा की सास को फोन मिलती है तो उसकी सास फोन नहीं उठातीअब रेणु की सास को बहुत ज्यादा गुस्सा आ जाता है और अब यह सब रेनू चुपचाप साइड में खड़ी होकर सुन रही थी इतने में ही उसकी सांस उसके पास आकर बोलती है देखो तो कैसी सांस है मेरी बेटी को मायके नहीं आने दे रही और जब मैं फोन मिला रही हूं तो मेरा फोन भी नहीं उठा रही है

 

एक काम करती हूं कल मैं जरा पूजा के ससुराल होकर आती हूं मैं भी देखु जरा माजरा क्या है ऐसा बोलकर अगले दिन रेनू को साथ लेकर वह अपनी बेटी के ससुराल पहुंच जाती है जब वह ससुराल में जाती है तो उसकी समाधान उसको बहुत प्यार से उसका आदर सत्कार करके उसको घर में बैठाती है और कहती है आओ समधन जी कैसे हुआ अचानक से आना तब रेणु की सास बोलती है कल पूजा कह रही थी कि मैं मायके आ रही हूं कुछ दिनों के लिए और अचानक से बोलने लगी कि मैं अब नहीं आ पाऊंगी तो मैंने सोचा कहीं इसकी तबीयत तो खराब नहीं तो मैं इससे मिलने यहां आ गई

यह सब बात सुनकर पूजा की सास हंसने लगती है और बोलती है पूजा बेटी इधर आओ आपकी मम्मी आई है पूजा अपनी मां को अचानक से अपने घर देखकर पक्का-बक्का रह जाती है और बोलती है मम्मी तुम यहां अचानक से ऐसे कैसे आए हो तो रेनू की सास बोलती है अरे बेटा कल तू आई नहीं तो मैंने सोचा पता नहीं क्या हो गया तो तुझसे मिलने यहां आ गई पूजा की सास बोलती है देख लिया समधन जी हमारी पूजा कैसी है ठीक लग रही है ना आपको फिर रेणु की सास बोलती है बेटा तू घर क्यों नहीं आई अचानक से ऐसा क्या हो गया तू हर बार घर आती थी इस बार क्यों नहीं आ रही है आप ही बताओ समधन जी ऐसा क्या हो गया तभी पूजा की सास बोलती है अरे पहले चाय बिस्किट लो फिर बात करते हैं तभी पूजा की सास बोलती है मुझे एक बात पूछनी थी तो रेनू की सास बोलती है बताओ क्या बात है पूजा के सास बोलती है हमने सुना है कि आप की बहु 5 साल से अपने मायके नहीं गई है यह सुनकर पूजा की मां अचानक से हैरान हो जाती है और बोलती है अरे ऐसा कुछ भी नहीं है वो तो इसका मायका दूर है ना और बच्चे भी छोटे हैं इसीलिए नहीं गई आने-जाने में दिक्कत हो जाती है थोड़े बच्चे बड़े हो जाएंगे तो बाद में जाती रहेगी इसीलिए मायके नहीं जाती है

फिर पूजा की सास बोलती है लेकिन एक बात बोलूं हमारे मोहल्ले में आपकी बहू की कोई मायके की रिश्तेदार यहां अभी नई-नई किराए पर आई है उसने तो हमें बताया कि आप अपनी बहू को मायके बिल्कुल भी नहीं जाने देते हो और किसी न किसी तरीके से उसको घर पर ही रोक रखते हो एक तरीके से यह सब गलत है यह सब सुनकर पूजा की मां की गर्दन नीचे हो जाती है क्योंकि उसको लगता है कि कहीं ना कहीं वह गलत कर रही है अपनी बहू के साथ फिर पूजा की सास बोलती है देखो समधन जी अगर आप अपनी बहू रेनू को 5 साल से एक बार भी अपने मायके नहीं जाने देती हो और वही आपकी बेटी मायके नहीं आयी तो आपको इतना बुरा लगा तो सोचो रेनू के मां-बाप का कितना मन करता होगा अपनी बेटी से मिलने का वह केवल फोन पर बात करके ही अपना दिल बहला लेते है अगर हम किसी को ऐसे घर में कैद करके रखेंगे तो एक न एक दिन वह कहीं ना कहीं विद्रोह कर देगा आपकी यह हरकत सही नहीं है आप अपनी बेटी को जितना प्यार करती हो उतना ही प्यार अपनी बहू को भी करना चाहिए जैसे पूजा अब हमारी बेटी है हमने उसको कभी अपने मायके जाने से नहीं रोका लेकिन इस बार जब मैं यह सब बात सुनी तो मुझे बहुत दुख हुआ तो मैंने सोचा कहीं ना कहीं यह बात में आपसे पूछूं इसीलिए मैंने आज आपसे यह बात इस बहाने से पूछ ली

यह सब बातें पूजा और उसकी मां दोनों सुन रहे थे और दोनों को ही एहसास हो रहा था कि वह गलत है अब पूजा की मां अपने घर को चली जाती है और कमरे में बैठकर मन ही मन सोचती है कि मैं अपनी बहू के साथ गलत किया आज तक उसको मायके नहीं जाने दिया और फिर थोड़ी देर में रेनू को अपने कमरे में बुलाती है और बोलती है रेनू बेटा एक काम करो अभी बच्चों की छुट्टियां भी पढ़ रही है तो तुम कुछ दिन मायके हो चली जाओ क्योंकि फिर पूजा भी आएगी तो फिर तुम्हें टाइम नहीं मिलेगा मैं सोच रही हूं रेनू अपनी सास की यह सब बातें सुनकर हैरान हो जाती है और मन ही मन बहुत खुश हो जाती है अब शाम को जब उसका पति घर आता है तो वह अपने पति को बोलती है कि आज तो मां जी ने मुझे मायके जाने की इजाजत दे दी है जल्दी से पैकिंग करो

अब उसका पति भी यह बात सुनकर हैरान हो जाता है और कहता है मम्मी ने यह सब कैसे बोला वह तो तुम्हें बिल्कुल भी जाने नहीं देना चाहती है मुझे यकीन नहीं हो रहा है तभी रेनू बोलती है तुम छोड़ो मैने तो तुमसे सौ बार बोला था लेकिन तुम्हारे बस का नहीं था अब मां जी ने मुझे इजाजत दे दी है अब तुम भी जल्दी से अपने ऑफिस से छुट्टी की एप्लीकेशन दे दो और इस बार कोई बहाना नहीं चलेगा इस बार हम सब मेरे मायके जाएंगे.



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