बहुत पुराने समय की बात है एक बहुत बड़े राज्य में एक बहुत ही घमंडी राजा रहता था उसकी 5 बेटियां थी
एक दिन राजा
ने अपनी पांचो
बेटियों को अपने
पास बुलाया और
पूछा कि तुम
सब किसका दिया हुआ
खाती हो सभी
बेटियों ने बोला
कि पिताजी हम
आपका दिया हुआ
खाती हैं लेकिन
उनमें से एक
बेटी ने बोला
पिताजी हम तो
अपनी किस्मत का
दिया हुआ खा
रहे हैं
राजा ने ऐसा
बोलकर चार बेटियों
की शादी बहुत
अच्छे अमीर घरों
में कर दी
और उस छोटी लड़की
को सबक सिखाने
के लिए उसकी
शादी एक गरीब
मजदूर लकड़हारा से
करा
दी
अब चारों बेटियां अपने-अपने ससुराल
में बड़े ही
सुख से अपना
जीवन की रही
थी और वही
सबसे छोटी बेटी
गरीब मजदूर के
साथ जंगल में
अपना जीवन जी
रही होती है
लेकिन वह लड़की
बहुत ही ज्यादा
मेहनती और सहनशीलता
वाली होती है और जैसे तैसे अपना
खुशी-खुशी गरीबी
में गुजारा करती
है
एक दिन उसका
पति बहुत ज्यादा
बीमार हो जाता
है तो सारे काम
का भोज उसके
ऊपर पड़ जाता है
अब वह जंगल जाकर
लड़कियां कटती है
और उन्हें बेचकर
जो पैसे मिलते
हैं उनसे अपना
घर चलती है
उसकी एक आदत
थी वह घर
के पास बने
हुए बरगद के
पेड़ के नीचे
रोज जल चढ़ाती
थी अब वह पेड़
उसको देखकर सोचता
था कि यह
लड़की कितनी मेहनती
है मुझ पर
रोज जल चढ़ाती
है चलो क्यों
ना इसकी मदद
करी जाए
एक दिन जब
वह लड़की लकड़ी
के लिए काटने जंगल को जाती हे तो वह
बरगद के पेड़
में जल चढ़ाती
है और बरगद का
पेड़ प्रसन्न होकर
उस लड़की से बोलता
है
बेटी मेँ
तुम्हारी सेवा भाव से
बहुत खुश हुआ हु तुम
यहां से 10 कदम दूर
जार एक गड्डा खोदना तो वहां बहुत
सारा खजाना मिलेगा
जिससे तुम्हारी गरीबी
दूर हो जाएगी
ऐसा सुनकर लड़की जब
वहां गड्ढा खोदती
है तो उसको वहा
बहुत सारा खजाना
मिलता है अब
वह बहुत खुश
हो जाती है
वह इस खजाने
से बहुत आलीशान
महल बनती है
और गरीबों के
लिए खाने का
लंगर लगती है
जिससे गरीब लोग
अपने पेट की
भूख शांत कर
सके यह कार्यक्रम
वह रोज करती
थी
अब एक दिन
वह देखती है कि
उसी लंगर की लाइन
में उसके पिता और बहने
भी लगी है
अब उनको देखकर
वह चौंक जाती
है और दौड़ी
दौड़ी अपने पिता
के पास जाती
है बोलती है
पिताजीआप यहां क्या
कर रहे हो
तो उसके पिताजी
बोलते हैं बेटी तुम
सब की शादी के बाद मेरे
राज्य में एक
राजा ने आक्रमण
कर दिया था
और मुझे अपना
राज्य छोड़कर दर-दर भटकना
पड़ा और तेरी
बहनो की भी जहां शादी
हुई थी उनके
राज्य भी चले
गए और आज
हमारी यह हालत
हो गई है
बेटी तूने सही कहा
था कोई किसी
का नहीं खाता
है सब अपनी
किस्मत का खाते
हैं जिसकी किस्मत में जो
लिखा होता है
उसे वही मिलकर
रहता है
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