जादुई चप्पल का जोड़ा | Jaadui Chappal | Jadui Kahaniya New | New Hindi Kahaniyan | Hindi Moral Stories new 2025

बहुत पुराने समय की बात है एक गांव में गरीब आदमी रहता था उसका घर बहुत ही पुराना टूटा फूटा हो गया था उसने सोचा क्यों ना मैं इस घर को सही कर लूं

क्योंकि बारिश का मौसम भी आने वाला है अब यह सोचकर वह जंगल की ओर अच्छी लड़कियां लेने के लिए चल पड़ता है जंगल में अच्छी और टिकाऊ लकड़ी ढूंढते ढूंढते उसको रात हो जाती है अब वह सोचता है कि अब वह घर कैसे जाएगा






 अब तो काफी अंधेरा भी हो गया है कहीं रास्ता ना भटक जाऊ

ऐसा सोचते हुए वह आस-पास देखता है कुछ तो होगा जहां पर वह रात गुजार सके

फिर वह देखता है की पास में एक पहाड़ी के ऊपर बहुत ही सुंदर सा महल दिखाई पड़ता है

वह सोचता है क्यों ना यहां पर चला जाऊं और मुझे रात को रुकने के लिए जगह मिल जाए

ऐसा सोचकर वह उस महल के नजदीक पहुंचता है और आवाज लगने लगता है



तो कोई बाहर नहीं आता और देखता कि गेट भी खुला हुआ है जैसे ही वह अंदर जाकर देखता है

तो वहां पर एक बूढ़ा आदमी बैठा हुआ होता है वह उस बूढ़े आदमी को बताता है कि वह रात को कैसे रास्ता भटक गया है

उसकी बाते सुनकर बूढ़ा आदमी उसको कुछ नहीं बोलता और उसको खाने के लिए खाना देता है

यह देखकर वह चौंक जाता है कि इस सुनसान जंगल में इतना अच्छा घर और इतना अच्छा खाना  कौन होगा यह बूढ़ा आदमी

उसको अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होता है वह उस बूढ़े आदमी से बोलता है कि मुझे थोड़ा आराम करने का मन है ताकि मैं सुबह जल्दी निकल सकूं

वह बूढ़ा आदमी वहा पर रखी पुरानी चप्पल को जैसे ही पहनता है वह गायब हो जाता है

यह देखकर वह आदमी बहुत डर जाता है वह सोचता है यह कैसी कैसा रहस्यमई जंगल है मुझे तो कुछ समझ में नहीं रहा है ऐसा बोल कर सो जाता है

और जैसे ही सुबह उसकी आंख खुलती है तो वह देखता है कि वहां पर कुछ सिपाही उसको चारों ओर से घिरे हुए होते हैं और बोलते हैं

देखो इसी चोर की हमें तलाश थी जो रोज आकर हमारा लजीज खाना चुरा कर खाता हैं

ऐसा बोलकर उसको पकड़ कर राजा के पास ले जाते हैं अब राजा उससे पूछता है कि तुमने हमारा खाना क्यों खाया

तो वह गरीब आदमी अपनी सारी कहानी राजा को बताता है लेकिन राजा उसकी बात नहीं सुनता और बोलता है रोज हमारा खाना गायब हो जाता था यही आदमी होगा जो हमारा खाना खाता है

अभी इसको चौराहे पर ले जाकर मोटी लकड़ी के डंडे से बांधकर इसको 100 कोड़े लगाओ ताकि हमारे राज्य में कोई भी ऐसा दुबारा ना करें

यह सुनकर सिपाही उसको चौराहे पर ले जाते वहां पर एक बहुत मोटी और लंबी लकड़ी के डंडे से उसको बांध दिया जाता है

कोड़े लगाने से पहले राजा उसे उसकी आखिरी इच्छा पूछता है

 यह सुनकर गरीब लाचार आदमी बहुत घबरा जाता है उसको कुछ समझ में नहीं आता वह क्या करें तभी उसको उसे बूढ़े आदमी की चप्पल की याद आती है वह सोचता है जरूर वह जादुई चप्पल है तभी वह बूढ़े आदमी गायब हो गया था

अब वह सिपाहियों से बोलता है मुझे मेरी चप्पल पहनने को दी जाए मैं उसे महल में सोते वक्त वहा छोड़ आया था

अब सैनिक उसकी पुरानी चप्पल महल से लाकर उसको दे देते हैं

जैसे ही वह गरीब आदमी उन चप्पलों को पहना है वह लकड़ी के विशाल तने से गायब हो जाता है और  वहां पर खड़े सभी लोग चौंक जाते हैं

 इसके बाद जब उस आदमी की आंखें खुलती है तो वह अपने आपको अपने घर के पास उसी मोटे तने से बंधा हुआ पता है

उसकी पत्नी पूछता है अरे तुम्हारा यह हाल किसने किया है

तो बोलता है मैं तो यह मोटी लकड़ी जंगल से  लाया हु

उसकी पत्नी उसको खोलती है और तो वह आदमी यह सोचता है कि अरे जरूर उसे बूढ़े आदमी ने मेरी मदद करने के लिए ही यह सब कर होगा

अब वह उस लकड़ी की सहायता से अपना अच्छा और मजबूत घर बना लेता है और इससे उसकी पत्नी बहुत खुश हो जाती है

वह अपने नए घर में उसी पुरानी चप्पल को पहनकर सारे काम करता था लेकिन उस चप्पल की सारी जादुई शक्ति खत्म हो गई होती है

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