गरीब को मिली जादुई प्लेट | Magic Jadui kahaniya | New Hindi Kahani | Moral Stories New

एक गांव में बहुत गरीब किसान रहता था गरीबों का यह आलम था कि उसके घर में खाने के लिए भी कुछ भी नहीं था एक दिन वह मेहनत मजदूरी करके घर को वापस रहा होता है और सोचता है कुछ पैसे मिले हैं इन पैसों से खाने का सामान खरीद लूं और घर में बीवी खुश हो जाएगी अब वह जब जैसे ही खाना लेकर अपने घर पहुंचता है देखता है





 कि उसके दरवाजे पर एक बहुत ही बुजुर्ग लाचार खाने को कुछ मांगते हुए उसे आवाज लगता है और उसे सुनाई देता है वह उसको देखकर चौंक जाता है वह बोलता है बोलो क्यों आवाज लगा रहे हो तभी वह बूढ़ा आदमी कहता है बेटे पिछले दिन 10 दिन से मैंने कुछ नहीं खाया है कुछ खाने के लिए है मुझे दे दो

अब वह किसान मन ही मन सोचता है आज इतने दिनों बाद तो मैं घर में कुछ खाने को लाया हूं और वह भी इस बूढ़े आदमी को दे दूंगा तो हम क्या खाएंगे अब मैं क्या करूं लेकिन उसकी लाचार अवस्था को देखकर वह उसको वह खाने के सामान दे देता है



अब उसको खाना खाते हुए देखकर अंदर जाने लगता है तभी वह बूढ़ा आदमी आवाज लगता है कहता है बेटा सुनो मेरे पास देने के लिए अगर तुमने आज मेरी भूख नहीं मिठाई होती तो मैं भूखा मर जाता

आज तुमने मेरी प्लेट में खाना डालकर मेरी भूख मिटा दी है अब मुझे भूख नहीं रही ये प्लेट तुम रख लो

ऐसा बोलकर वह बूढ़ा आदमी चला जाता है अब वह आदमी सोचता है कि यह खाली प्लेट मुझे क्यों देकर गया

वह प्लेट लेकर अंदर चला जाता है उसकी पत्नी पूछती हे है अरे आज घर में खाने के लिए कुछ तो लाए होंगे

यह सुनते ही प्लेट अपनी बीवी के हाथ में थमा देता है और बोलता है यह लो खाली प्लेट यही मिला है

उसकी पत्नी उस प्लेट को देखकर हैरान हो जाती है और बोलती है घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं है और तुम मुझे यह खाली प्लेट दे रहे हो

मैं इस खाली प्लेट का क्या करूं बताओ और उसकी बीवी उस प्लेट को हाथ में पकड़ कर देखने लगती है तो उस प्लेट में अचानक से खाना जाता है और वह दोनों हैरान हो जाते है

यह चमत्कार कैसे हुआ उन्हें कुछ समझ में नहीं आता प्लेट में खाना कैसे गया

अब दोनों पति-पत्नी सोचते हैं कि यह तो चमत्कारी प्लेट लग रही है वह उस प्लेट को खाली कर देते हैं फिर एक बार और ट्राई करते हैं और बोलते हैं अच्छे कपड़े चाहिए जैसे ही वह बोलते हैं उन दोनों के लिए उस प्लेट के पर अच्छी-अच्छी ड्रेस जाती है

अब दोनों बहुत ही खुश हो जाते हैं और कहते हैं अरे हमारी तो किसम खुल गयी हमें तो जादुई प्लेट मिल गई अब हम गरीब नहीं रहेंगे

पहले वह भरपेट स्वादिष्ट खाना खाते हैं और उसके बाद प्लेट से तरह-तरह की चीज मांगते हैं और वह सब चीज उनको मिल जाती हैं अब उसकी पत्नी सोचती है कि थोड़ा पैसा मिल जाता तो और अच्छा होता ऐसा बोलते ही प्लेट  में पैसे भी जाते हैं

अब दोनों बहुत ही खुश होने लगते हैं और बोलते हैं उसे बूढ़े आदमी का भला हो जिसने हमें यह प्ले जादुई प्लेट दी

 अब तो हमारी जिंदगी में कोई परेशानी नहीं होगी ऐसा बोल कर दोनों बहुत ही खुश होते हैं और उसका पति बोलता है देखो हमने थोड़ी सी उस बूढ़े आदमी की मदद करी तो हमें कितना अच्छा तोहफा देकर गया है

अगर हम और लोगों की भी मदद करेंगे तो हो सकता है हमें ज्यादा फायदा मिले उसकी पत्नी बोलती हे

हां कह तो सही रहे हो चलो एक काम करते हैं सारे गांव को खाने पर बुलाते हैं और हम इस प्लेट से जितना मांगे के वह सब हमें मिल जाएगा और वह सारे गांव को खाने पर बुलाते हैं

गांव वाले उनको देखकर हैरान हो जाता है और बोलते है कि कल तक तो उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था और आज पूरे गांव को इन्होंने खाने पर बुलाया है और देखो कितना शानदार खाना बनाया है ऐसा क्या हो गया होगा गांव वाले सोचकर हैरान हो जाते हैं

गांव का एक आदमी उनकी शिकायत राजा से कर देता है अब राजा को जब यह पता चलता है तो राजा अपने सिपाहियों किसान को पकड़ने के लिए भेज देता है और फिर राजा उससे पूछता है तुम्हारे पास इतना सारा पैसा कहां से आया

तो वह बताता है कि मुझे कोई चमत्कारी प्लेट दे गया था जिससे मैं जो मांगता हूं वह मुझे मिल जाता है तो मैंने सोचा जब मैं एक भूखे बूढ़े को खिलाया तो मुझे यह प्लेट मिली अगर मैं पूरे गांव को खाना खिला दूंगा तो मुझे और फायदा होगा इसीलिए मैंने पूरे गांव को खाने पर बुलाया

राजा उसकी बातें सुनकर हंसने लगता है और बोलता है ऐसी कोई प्लेट नहीं होती है जिसे जो मांगू वह मिल जाये तुम झूठ बोल रहे हो ऐसा बोलकर राजा उस पलेट को तोड़ देता हे or किसान को  पड़कर जेल में डाल देता हैं

 तभी कुछ दिनों बाद राजा ki तबीयत खराब हो जाती है और वह बिस्तर में बीमार पड़ जाता है

अब राजा चलने फिरने में भी असमर्थ हो जाता है

राजा अपने राज्य के विद्वान पंडितों से अपने हाल की वजह जाने के लिए पूछता है तो वह बताते हैं कि तुमने किसी गरीब का दिल दुखाया है तभी तुम्हारा यह हाल है

तभी राजा को उस प्लेट वाले किसान की याद आती है वह अपने सिपाहियों से बोलता है उसको तुरंत छोड़ दो और मेरे पास लेकर आओ

जब सिपाही उस गरीब व्यक्ति को राजा के सामने लाते हैं तो राजा उससे माफी मांगता है

और बोलता हमने तुम्हारी बात पर यकीन ना करके उसे प्लेट को नष्ट कर दिया लेकिन तुम एक सच्चे आदमी हो इसीलिए आज से तुम्हारे परिवार का पालन पोषण और सारा खर्चा मैं उठाऊंगा बोलकर उसको खुशी-खुशी छोड़ देते है

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