रवि अपनी पत्नी और बहन पूजा के साथ एक परिवार में रहता था रवि अपनी बहन से बहुत प्यार करता है क्योंकि उसकी मां-बाप बचपन में ही चल बसे होते हे लेकिन रवि की पत्नी अपने पति से नाराज रहती थी क्योंकि उसको लगता था कि रवि अपनी बहन से ज्यादा प्यार करता है और उस पर कुछ ज्यादा ही पैसा खर्च करता है
इसी चक्कर में घर में रोज क्लेश होता था एक दिन घर में जब क्लेश हो रहा था तो रवि की पत्नी जोर-जोर से चिल्लाती है और बोलती है रवि या तो तुम्हें अपनी बहन को इस घर में रखना पड़ेगा या मुझे रखना पड़ेगा तुम्हारी तनख्वाह में से आधा पैसा तो इसकी ख्वाहिशों में ही तुम खर्च कर देते हो क्या तुम्हें घर नहीं दिखता जो तुम सिर्फ अपनी बहन पर ही सारा पैसा लुटा देते हो अब रवि अपनी पत्नी को प्यार से समझता है कि ऐसा कुछ भी नहीं है में उस पर कोई भी फालतू खर्च नहीं करता जैसा एक घर में एक बहन के लिए एक भाई का फर्ज होता है मैं सिर्फ उतना ही कर रहा हूं लेकिन तुम्हें इसमें ज्यादा दिखाई दे रहा है
लेकिन उसकी पत्नी उसकी एक नहीं सुनती अब यह सिलसिला चलता ही रहता है कुछ दिनों बाद जब बात ज्यादा ही बढ़ जाती है तो उसकी पत्नी अपने मायके जाने का फैसला कर लेती है और घर छोड़कर मायके जाने लग जाती है और गेट पर बैठ जाती है और बोलती है या तो तुम्हें अपनी बहन को छोड़ना पड़ेगा या मुझे तब रवि को अपनी पत्नी को सच बताना पड़ता है वह कहता है कि मैं अपनी बहन को थोड़ा पैसा इसलिए ज्यादा देता हूं उसकी ख्वाहिश इसलिए ज्यादा पूरी करता हूं क्योंकि उसके पास जिंदगी के कुछ ही साल बच्चे हैं उसके बाद वह हमें मम्मी- पापा की तरह छोड़कर चली जाएगी तब उसकी पत्नी चौक कर पूछती है क्यों ऐसा क्या हो गया जो यह छोड़कर चली जाएगी कह रहे हो शादी के बाद हर लड़की जाती है इसमें अनोखा क्या है यह भी चली जाएगी
तब रवि की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह धीमी आवाज में बोलता है मैंने एक बात छुपा रखी है पूजा से और तुमसे सिर्फ तुम्हें बता रहा हूं पूजा को कैंसर है और वह कुछ ही सालों की मेहमान है लेकिन यह बात पूजा को इसलिए नहीं बताई क्योंकि उसको भी लाइफ एंजॉय करनी है इसीलिए मैं उसकी हर ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश करता हूं लेकिन उसकी पत्नी का पत्थर दिल फिर भी नहीं पैसिस्ता उसने बोला तो क्या हो गया जब तुम्हें पता है कि वह कुछ सालों की मेहमान है तो उसके ऊपर फालतू का पैसा क्यों खर्च कर रहे हो
उसको जाने दो उसकी जिंदगी जीने दो ऐसा बोलकर वह तेज आवाज में बोलती है तब रवि को भी गुस्सा आ जाता है और वह बोलता है की देखो मैं अब तुम्हें सब सच्चाई बता दी लेकिन तुम्हारा पत्थर दिल अभी भी नहीं पसीजा तो अगर तुम्हें मुझे छोड़ कर जाना चाहती हो तो जा सकती हो लेकिन मैं अपनी बहन को इस हालत में बिल्कुल भी नहीं छोड़ सकता ऐसा सुनते ही उसकी पत्नी गुस्से में घर छोड़कर चली जाती है और बोलती है रहो तुम अपनी बहन के साथ मुझे नहीं रहना है तुम्हारे साथ आज के बाद तुम्हारा मेरा रिश्ता खत्म रवि परेशान होकर बैठ जाता है उसको समझ में नहीं आता कि अब वह क्या करें क्योंकि डॉक्टर ने भी पूजा के इलाज के लिए अगले महीने उसको दिल्ली बुलाया है और उसके पास इतने पैसे नहीं है कि वह उसका इलाज करा सके
.
तो रवि सोचता है कि अपनी नौकरी से जो उसने पैसा इकट्ठा करके यह छोटा सा फ्लैट लिया था इसको बेच देगा अब वह अपने घर को बेचकर अपनी बहन के इलाज करने के लिए जाता है दिल्ली में बहुत बड़े डॉक्टर होते हैं जो उसकी बहन का इलाज करते हैं जब उसकी बहन को पता चलता है कि उसके भाई ने अपना घर भी भेज दिया है तो उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह अपने भाई से बोलती है भैया तुमने मेरे लिए अपना घर बेच दिया यह तो तुमने कितने सालों की मेहनत से बनाया था अब मैं बच्चू या ना बच्चू इसकी तो कोई गारंटी भी नहीं है और भाभी भी घर छोड़कर चली गई है मुझे बचाने के लिए तुमने यह सब किया मैं आपसे बहुत नाराज हूं आपने ऐसा क्यों किया मैं तो कुछ ही समय की मेहमान हु मुझे जाने देते पूजा ऐसा बोल ही रही थी कि इतने में डॉक्टर की एंट्री होती है
अब डॉ रवि को बाहर बुलाते हैं और बोलते हैं रवि सुनो हमें माफ करना हमने बहुत कोशिश कर ली लेकिन पूजा नहीं बच पाएगी अब रवि का दिल टूट जाता है और वह पूजा के पास जाता है वहीं पूजा बैठी हुई होती है और रो रही होती है और अपने भाई के सर पर हाथ रखकर बोलती है हे भगवान तुमने मेरे भाई से सब कुछ छीन लिया उसका घर भी छीन लिया अगर तुम में ताकत है तो मेरे जाने के बाद मेरे भाई को इतनी खुशी देना कि मेरा यह गम हमेशा के लिए वह भूल जाए ऐसा बोलकर पूजा इस दुनिया को छोड़कर चली जाती है
अब रवि उदास होकर वापस धीरे-धीरे जिंदगी की कसम कस की लड़ाई में एक दूसरे कंपनी में जॉब करने लगता है एक दिन वह घर पर बैठा हुआ था कि देखा है कि दो आदमी उसकी डोर वेल बज रहे थे वह दरवाजा खोलना है और देखता है कि दो काले कोट पहने हुए वकील उसके घर में आ रहे होते हैं वह उनसे पूछता है कि आप लोग कौन- है उनमे में से एक वकील बताता है कि क्या आप मिस्टर रवि है वह बोलते हैं हां मैं रवि हूं यह आपके लिए कागज है जो हमें कोर्ट से आपको देने के लिए भेजा गया है अब रवि बोलता है इसमें क्या है तो वकील बताते है कि आपके पिताजी की वसीयत है जो कोर्ट में छोड़ गए थे इसमें उन्होंने यह लिखा था कि मेरे मरने के बाद मेरी जो भी प्रॉपर्टी होगी वह मेरे बेटे को दे दी जाएगी यह सुनकर रवि हैरान हो जाता है और बोलता है कि लेकिन मेरे पापा के पास तो कोई भी प्रॉपर्टी नहीं थी
तो यह कहां से आई तभी उनमें से एक वकील बोलता है आपके पापा बहुत ही ईमानदार आदमी थे और जिस कंपनी में काम करते थे उसके मालिक ने अपनी सारी प्रॉपर्टी उसके नाम कर दी थी लेकिन यह बात बताने से पहले उनका एक्सीडेंट हो गया वह मर गए बाद में उनकी यह वसीयत कोर्ट के द्वारा उस आदमी को देने का फैसला कर कर गया जिसके नाम यह प्रॉपर्टी करके गए थे इसके हिसाब से यह सारी प्रॉपर्टी आपके नाम होती है अब ऐसा सुनकर रवि हैरान हो जाता है क्योंकि अब रवि उस शहर का सबसे अमीर आदमी बन चुका होता है यह खबर जब उसकी पत्नी को पता चलती हे तो वह उसको कॉल करती है और घर वापस आने को बोलता है लेकिन रवि उसको साफ इनकार कर देता है बोलती है
ये बात सुनकर रवि बोलता हे जब तुमने मेरे दुख में साथ नहीं दिया तो तुम मेरे सुख में भी नहीं आ सकती ऐसा बोल कर वह फोन काट देता है और अपनी बहन को याद करके रोने लगता है फिर उसको याद आता है कि उसकी बहन ने जाते-जाते भगवान से जो माँगा था वो उसके भाई को मिल गया.
0 टिप्पणियाँ